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Review: पुराने पैटर्न को नए अंदाज के साथ जीवित करती है 'उफ्फ ये सियापा'

Ufff Yeh Siyapaa Review: बोलती फिल्मों का युग 1930 के दशक के बाद शुरू हो गया था. उससे पहले हमें पर्दे पर सिर्फ सीन नजर आते थे आवाज नहीं... जिसे हम साइलेंट फिल्में कहते थे. 1931 में आई फिल्म 'आलामा आरा' भारत की पहली बोलती फिल्म थी. 'उफ्फ ये सियापा' को उसी पैटर्न में बनाया गया है, बस अंदाज नया है.

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